डेली न्यूज़ (29 Aug, 2020) · 2020. 8. 29. · डेलेी यूज़ू...

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डेली डेली यूज़ यूज़ (29 Aug, 2020) drishtiias.com /hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/29-08-2020/print एक एक समान समान मतदाता मतदाता सूची सूची : अवधारणा अवधारणा और और महव महव िलस िलस केके लये लये िनवाचन आयोग, रा"य िनवाचन आयोग, संबंधत कानूनी ावधान मेस मेस केके लये लये एक समान मतदाता सूची क& अवधारणा और इसका महव चचा चचा म( म( )य* )य* ? धानमंी कायालय (PMO) ने बीते ि दन पंचायत, नगरपािलका, राय िवधानसभा और लोकसभा के चु नाव के िलये एक आम मतदाता सूची की संभावना पर चचा करने के िलये भारत ि नवाचन आयोग और िविध एवं न्याय मंालय के ितिनिधय के साथ बैठक की थीमुख मुख -बदु -बदु %यात&य है ि धानमंी नर( द) मोदी भी कई अवसर पर पंचायत, नगरपािलका, राय िवधानसभा और लोकसभा के चु नाव के िलये एक आम मतदाता सूची बनाने के िवचार को कट चु के ह- सभी कार के चु नाव के िलये एक आम मतदाता सूची बनाने के िवचार को एक दे श-एक चु नावकी अवधारणा से भी जोड़ कर दे खा जा रहा है रा"य* रा"य* म( म( अलग अलग-अलग अलग मतदाता मतदाता सूची सूची 1/15

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  • डेलीडेली यूज़यूज़ (29 Aug, 2020)drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/29-08-2020/print

    एकएक समानसमान मतदातामतदाता सूचीसूची: अवधारणाअवधारणा औरऔर मह वमह व

    ि ल सि ल स केके लयेलयेिनवाचन आयोग, रा य िनवाचन आयोग, संबंधत कानूनी

    ावधान

    मे समे स केके लयेलयेएक समान मतदाता सूची क अवधारणा और इसका मह व

    चचाचचा मम यय ?धानमं ी कायालय (PMO) ने बीते िदन पंचायत, नगरपािलका, रा य िवधानसभा और लोकसभा के चुनाव

    के िलये एक आम मतदाता सचूी की संभावना पर चचा करने के िलये भारत िनवाचन आयोग और िविध एवंनय्ाय मं ालय के ितिनिधय के साथ बैठक की थी।

    मुखमुख बदुबदुयात य है िक धानमं ी नरद मोदी भी कई अवसर पर पंचायत, नगरपािलका, रा य िवधानसभा औरलोकसभा के चुनाव के िलये एक आम मतदाता सचूी बनाने के िवचार को कट चुके ह।सभी कार के चुनाव के िलये एक आम मतदाता सचूी बनाने के िवचार को ‘एक देश-एक चुनाव’ कीअवधारणा से भी जोड़ कर देखा जा रहा है।

    रा यरा य मम अलगअलग-अलगअलग मतदातामतदाता सूचीसूची

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    https://www.drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-analysis/29-08-2020/printhttps://www.drishtiias.com/estore/study-material/state-pcs-study-materials-hindi/Jpcs-gs-pre-mains-study-material-hindi

  • देश के कई रा य म, पंचायत और नगरपािलका चुनाव के िलये िजस मतदाता सचूी का योग िकयाजाता है वह संसद और िवधानसभा चुनाव के िलये उपयोग की जाने वाली सचूी से िभ न है।इस कार के अंतर का मु य कारण यह है िक हमारे देश म चुनाव की देखरेख और उसके संचालन कीिज़ मेदारी दो वतं संवैधािनक ािधकािरय , भारत िनवाचन आयोग (Election Commission ofIndia-ECI) और रा य िनवाचन आयोग (State Election Commission-SEC), को दी गई है।

    वष 1950 म गिठत भारत िनवाचन आयोग (ECI) को संिवधान के तहत मु य तौर पर लोकसभा,रा यसभा, रा य िवधानसभाओं, रा टपित और उपरा टपित के चुनाव संप न कराने कीिज़ मेदारी दी गई है। वही ंदसूरी ओर रा य िनवाचन आयोग (SECs) को रा य/संघशािसत े के िनगम,नगरपािलकाओं, िज़ला पिरषद , िज़ला पंचायत , पंचायत सिमितय , गाम पंचायत तथा अ यथानीय िनकाय के चुनाव के संचालन का उ रदािय व िदया गया है।

    िविदत हो िक रा य िनवाचन आयोग (SECs) को थानीय िनकाय चुनाव के िलये अलग िनवाचननामावली तैयार करने की वतं ता है और उनके िलये थानीय तर के चुनाव आयोिजत कराने हेतुिनवाचन आयोग (ECI) के साथ सम वय करना अिनवाय नही ंहै।

    सभीसभी रा यरा य केके पासपास नहनह हैहै अलगअलग सूचीसूचीयेक रा य, रा य िनवाचन आयोग (SECs) संबंिधत रा य के िनयम ारा शािसत िकया जाता है, ऐसे

    म कुछ रा य अपने रा य िनवाचन आयोग को थानीय चुनाव के िलये िनवाचन आयोग (ECI) ारा तैयारकी गई मतदाता सचूी का उपयोग करने की वतं ता देते ह, जबिक कुछ रा य म िनवाचन आयोग(ECI) की मतदाता सचूी को केवल आधार के तौर पर योग िकया जाता है।वतमान म उ र देश, उ राखंड, ओिडशा, असम, म य देश, केरल, अ णाचल देश, नगालड औरज म-ूक मीर को छोड़कर सभी रा य और कद शािसत देश थानीय िनकाय के चुनाव के िलये चुनावआयोग (ECI) की मतदाता सचूी का योग करते ह।

    एकएक आमआम मतदातामतदाता सूचीसूची काका मह वमह वसभी कार के चुनाव के िलये एक आम मतदाता सचूी के िनमाण का समथन करने वाल का मत है िकइसके मा यम से ‘एक देश-एक चुनाव’ की अवधारणा को मतू प िदया जा सकेगा, िजससे अलग-अलगमतदाता सचूी के िनमाण म आने वाले यय को कम िकया जा सकेगा।

    ायः यह तक िदया जाता है िक दो अलग-अलग सं थाओं ारा तैयार की जाने वाली अलग-अलगमतदाता सिूचय के िनमाण म काफी अिधक दोहराव होता है, िजससे मानवीय यास और यय भीदोगुने हो जाते ह, जबिक एक मतदाता सचूी के मा यम से इसे कम िकया जा सकता है।

    इसके अलावा, अलग-अलग मतदाता सचूी होने से मतदाताओं के बीच भम की ि थित पैदा होती है,य िक कई बार एक मतदाता सचूी म यि त का नाम मौजदू होता है, जबिक दसूरे म नही।ंयात य है िक देश म सभी कार के चुनाव को िलये एक ही मतदाता सचूी बनाने का िवचार नया नही ंहै।िविध आयोग ने वष 2015 म अपनी 255वी ंिरपोट म इसकी िसफािरश की थी।

    इसके अलावा भारत िनवाचन आयोग (ECI) ने भी वष 1999 और वष 2004 म इसी तरह कािवचार कार िकया था।

    कैसेकैसे लागूलागू होगाहोगा िनयमिनयम

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    https://www.drishtiias.com/hindi/important-institution/national-organization/election-commission-of-india

  • परेू देश म एक मतदाता सचूी बनाने के िवचार को मु यतः दो तरीके से परूा िकया जा सकता है, पहलािवक प यह है िक भारतीय संिवधान के अनु छेद 243K और 243ZA म संशोधन करके देश के सभीचुनाव के िलये एक समान मतदाता सचूी को अिनवाय िकया जा सकता है।

    अनु छेद 243K और 243ZA रा य म पंचायत और नगरपािलकाओं के चुनाव से संबंिधत ह।ये िनयम रा य िनवाचन आयोग (SEC) को मतदाता सचूी तैयार करने और थानीय िनकाय केचुनाव का संचालन करने का अिधकार देता है।वही ंसंिवधान का दसूरी ओर, संिवधान का अनु छेद 324 (1) चुनाव आयोग को संसद और रा यिवधानसभाओं के सभी चुनाव के िलये िनवाचक नामावली की िनगरानी, िनदशन और िनयं ण काअिधकार देता है।

    दसूरा िवक प यह है िक िनवाचन आयोग (ECI) या भारत सरकार ारा रा य सरकार को अपने काननू मसंशोधन करने और नगरपािलका तथा पंचायत चुनाव के िलये िनवाचन आयोग (ECI) की मतदाता सचूीको अपनाने के िलये राज़ी िकया जाए।

    ोतोत: इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    अ पसं यकअ पसं यक काका िनधारणिनधारण

    ी ल सी ल स केके लयेलये:रा ीय अ पसं यक शै णक सं थान आयोग, टी.एम.ए. पाई फाउंडेशनमामला

    मे समे स केके लयेलये:अ पसं यक का िनधारण

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म सवो च यायालय ने 'रा टीय अ पसं यक िश ा सं थान अिधिनयम' (National Commissionfor Minority Education Institution Act- NCMEIA), 2004 के ावधान को चुनौती देने वाली एकजनिहत यािचका पर कद से जवाब मांगा है।

    मुखमुख बदुबद:ुयािचका म तक िदया गया है िक ‘रा टीय अ पसं यक िश ा सं थान अिधिनयम’ (NCMEIA) केवलरा टीय तर पर अ पसं यक की पहचान करता है, रा य तर पर नही,ं इसिलये यह अिधिनयमअ पसं यक को उनके संवैधािनक अिधकार से वंिचत करता है।

    रा ीयरा ीय अ पसं यकअ पसं यक शै णकशै णक सं थानसं थान आयोगआयोग

    (National Commission for Minority Educational Institutions- NCMEI):

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  • संरचना:NCMEI की थापना ‘रा टीय अ पसं यक शै िणक सं थान आयोग अिधिनयम'- 2004 केमा यम से की गई थी।आयोग एक अ - याियक िनकाय है, िजसे ‘नागिरक यायालय’ (Civil Court) की शि तयाँ ा तह। आयोग म एक अ य (उ च यायालय का यायाधीश) और तीन सद य होते ह िजनकी िनयुि तकद सरकार ारा की जाती है।

    उ े य:भारतीय संिवधान के अनु छेद-30 म अ पसं यक के अिधकार का संर ण िकया गया है।

    अनु छेद- 30 के अनुसार, सभी अ पसं यक , चाहे वे धम या भाषा पर आधािरत ह , उ हअपनी पसंद के शै िणक सं थान की थापना और शासन का अिधकार होगा।

    आयोग इस संबंध म अ पसं यक के अिधकार के कमी या उ लंघन के बारे म िशकायत कािनपटान करता है।

    भिूमका:आयोग को तीन कार; सहायक काय, सलाहकार काय तथा िसफािरश करने, की शि तयाँ ा त ह।

    NCMEIA केके तहततहत अ पसं यकअ पसं यक:अिधिनयम की धारा 2 (f) के अनुसार, अ पसं यक वह है िजसे कद सरकार ारा इस उ े य के िलयेअ पसं यक से प म अिधसिूचत िकया है। कद सरकार ारा रा टीय तर पर मुि लम, ईसाई, िसख, बौ , पारसी और जैन समुदाय को अ पसं यकके प म अिधसिूचत िकया गया है।यह अिधिनयम अ पसं यक के िनधारण म रा य सरकार को कोई अिधकार नही ंदेता है।

    रा यरा य तरीयतरीय अ पसं यकअ पसं यक िनधारणिनधारण कक आव यकताआव यकता:टी.एम.ए. पाई फाउडेंशन मामला:

    केवल रा टीय तर पर अ पसं यक की पहचान करना, ‘टी.एम.ए. पाई फाउंडेशन बनाम कनाटक रा य’(2002) मामले म सवो च यायालय ारा िदये गए िनणय की भावना के िखलाफ है।यहाँ यान देने यो य त य यह है िक इस मामले म सवो च यायालय ारा अ पसं यक वग की पहचानहेतु दो आधार अथात रा टीय व ांतीय बताए गए थे।

    रा य तर बहुलवादी भी अ पसं यक:

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    https://www.drishtiias.com/estore/study-material/state-pcs-study-materials-hindi/cgpsc-csat-prelims-hindi

  • िहंद ू, यहदूी धम का पालन करने वाले लोग अनेक रा य तथा कदशािसत देश यथा- ल ाख, िमज़ोरम,ल ीप, क मीर, नगालड, मेघालय, अ णाचल देश, पंजाब, मिणपुर जैसे े म अ पसं यक केप म ह।

    वे इन रा य म अपनी पसंद के शै िणक सं थान की थापना और शासन नही ंकर सकते ह।

    संवधैािनकसंवधैािनक ावधानावधान:भारतीय संिवधान के अनु छेद 29, 30, 350A तथा 350B म ‘अ पसं यक’ श द का योग िकया गयाहै लेिकन इसकी पिरभाषा कही ंनही ंदी गई है।अनु छेद 29 यह उपबंध करता है िक भारत के रा य े या उसके िकसी भाग के िनवासी नागिरक केिकसी अनुभाग को अपनी िवशेष भाषा, िलिप या सं कृित को बनाए रखने का अिधकार होगा।

    सवो च यायालय के अनुसार, अनु छेद-29 के तहत दान िकये गए अिधकार अ पसं यक तथाबहुसं यक दोन को ा त है।

    अनु छेद-30 के अनुसार, धम या भाषा पर आधािरत सभी अ पसं यक वगो ंको अपनी िच की िश णसं थान की थापना और शासन करने का अिधकार ा त होगा।

    अनु छेद-30 के तहत दान िकये गए अिधकार केवल अ पसं यक के िलये ह, बहुसं यक केिलये नही।ं

    अनु छेद- 350 (A) ( ाथिमक तर पर मातृभाषा म िश ा) और 350(B) (अ पसं यक के िलयेिवशेष अिधकारी) केवल भाषायी अ पसं यक से संबंिधत ह।

    आगेआगे कक राहराह:संिवधान म ‘अ पसं यक’ श द की पिरभाषा कही ंनही ंदी गई है। अत: इस संबंध म 'अ पसं यक' कीप ट पिरभाषा को संिवधान या िकसी संसदीय काननू म शािमल िकया जाना चािहये। ऐसे रा य जहाँ रा टीय तर पर िनधािरत अ पसं यक, बहुसं यक के प म हो, वहाँ अ य ‘अ पसं यकपहचान’ को मा यता दान की जानी चािहये।

    िन कषिन कष:

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    https://www.drishtiias.com/hindi/images/uploads/1598696176_Hindus-Demand-Minority-Status.jpg

  • एक लोकतांि क, बहुलवादी राजनीित म अ पसं यक अिधकार आव यक ह। अत: रा टीय तर पर हीनही ंअिपतु ादेिशक तर पर भी अ पसं यक को पिरभािषत तथा अ पसं यक का दजा िदया जानाचािहये।

    ोतोत: इंडयनइंडयन ए स ेसए स ेस

    ज मूज मू औरऔर क मीरक मीर केके लयेलये िनयमिनयम कक अधसूचनाअधसूचना

    ी ल सी ल स केके लयेलये:ज मू-क मीर पुनगठन अधिनयम-2019, धारा 370 को िनर त करने केकारण

    मे समे स केके लयेलये:ज मू और क मीर से संबंधत नए िनयम

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म गृह मं ालय (Ministry Of Home Affairs- MHA) ने ज म ूऔर क मीर कदशािसत देश केिलये यापार के लेन-देन के िनयम को अिधसिूचत िकया है।

    मुखमुख बदुबद:ुइन िनयम को ज म ूऔर क मीर पुनगठन अिधिनयम, 2019 की धारा 55 के तहत अिधसिूचत िकया गयाहै।

    अिधिनयम की धारा 55 के अनुसार, “उपरा यपाल (Lieutenant Governor-LG) मंि य कोदािय व के आवंटन के िलये और उपरा यपाल एवं मंि पिरषद या एक मं ी के म य मतभेद केमामले म यापार के अिधक सुिवधाजनक लेन देन के िलये मंि पिरषद की सलाह पर िनयमबनाएगा।

    ये िनयम ज म ूक मीर म काय आवंटन, िवभाग के म य यापार का िवतरण एवं उनकी शि तयाँ,उपरा यपाल की कायकारी शि तयाँ आिद का िववरण दान करते ह।िनयम के अनुसार, ज म-ूक मीर म कूली िश ा, कृिष, उ च िश ा, बागवानी, चुनाव, सामा यशासन, गृह, खनन, िबजली, लोक िनमाण िवभाग, आिदवासी मामले और पिरवहन जैसे 39 िवभाग ह गे।

    पुिलस, सावजिनक यव था, अिखल भारतीय सेवाएँ और भ टाचार िवरोधी काय उपरा यपाल केकायकारी कायो ंके अंतगत आएंगे।

    इसका ता पय यह है िक मु यमं ी या मंि पिरषद की काय णाली म अिधक अंतर नही ंहोगा।ऐसे ताव या मामले जो कद शािसत देश की शांित और अमन को भािवत करते ह या िकसीअ पसं यक समुदाय, अनुसिूचत जाित, अनुसिूचत जनजाित और िपछड़े वगो ंके िहत को भािवत करतेह, उ ह अिनवाय प से मु यमं ी को सिूचत करते हुए मु य सिचव के मा यम से उपरा यपाल के समतुत िकया जाएगा।

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    https://www.drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-editorials/06-08-2019/print

  • कद या रा य सरकार के िववाद से संबंिधत कोई भी ऐसा मामला, िजसम कद शािसत देश के ह त ेपकी आव यकता है, उसे ज द से ज द, मु य सिचव के मा यम से उपरा यपाल और मु यमं ी के सं ानम लाया जाएगा।कद से ा त सभी मह वपणू आदेश /िदशा िनदश से संबंिधत सचूना को ज द से ज द मु य सिचव,भारी मं ी, मु यमं ी और उपरा यपाल के सम लाया जाएगा।

    उपरा यपाल और एक मं ी के म य उ प न मतभेद के मामले म एक माह उपरांत भी कोई समझौता नहींहो पाने पर, उपरा यपाल के िनणय को मंि पिरषद ारा वीकार कर िलया जाएगा।

    पृ भूिमपृ भूिम:5 अग त 2019 को कद ने संिवधान (ज म ूऔर क मीर के िलये आवेदन) आदेश, 2019 के मा यम सेअनु छेद 370 के ावधान को र कर िदया था।एक अलग िवधेयक ज म ूऔर क मीर पुनगठन िवधेयक 2019 को दो अलग-अलग कदशािसत देशज म ूऔर क मीर (िवधाियका के साथ), और ल ाख (िवधाियका के िबना) म िवभािजत करने के िलये पेशिकया गया था।इस कदम ने कई नागिरक समहू के साथ िववाद पैदा कर िदया और वे ज म-ूक मीर के िवशेष दज कीबहाली की मांग करने लगे। सवो च यायालय म एक यािचका दायर की गई थी िजसम ज म-ूक मीर केिवशेष दज को िनर त करने की संवैधािनक वैधता को चुनौती दी गई थी।इस कदम का लाभ उठाते हुए, पािक तान ने ज म ूऔर क मीर, ल ाख, सर ीक और जनूागढ़ कोशािमल करते हुए अपना एक नया राजनीितक मानिच जारी िकया।चीन ने भारत के इस कदम को "अवैध और अमा य" कहा और इस मु े को ययूॉक (संयु त रा यअमेिरका) म संयु त रा ट सुर ा पिरषद (United Nations Security Council- UNSC) म उठाया।भारत के सवो च यायालय ारा गिठत एक िवशेष सिमित ने ज म ूऔर क मीर म एक परी ण केआधार पर 4G इंटरनेट सेवाओं की बहाली की िसफािरश की, िजसे अनु छेद 370 के िनर त होने के बादरा य म िहंसा से बचने के िलये िनलंिबत कर िदया गया था।

    ोतोत: दद हदूहदू

    हदु तानहदु तान एयरोनॉिट सएयरोनॉिट स लिमटेडलिमटेड मम िविनवेशिविनवेश

    ि ल सि ल स केके लयेलयेहदु तान एयरोनॉिट स लिमटेड, िविनवेश, आरंभक सावजिनक

    िनगम

    मे समे स केके लयेलयेसावजिनक उप म के िविनवेश क आव यकता और मह व

    चचाचचा मम यय ?

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    https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/centre-climbs-down-on-j-k-order#:~:text=https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/new-map-of-pakistanhttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-editorials/what-are-non-permanent-seats-in-the-un-security-council-and-how-are-they-filled

  • िहंदु तान एयरोनॉिट स िलिमटेड (Hindustan Aeronautics Limited-HAL) की 15 ितशत िह सेदारीबेचने के ताव को िनवेशक से उ साहजनक िति या िमली है।

    मुखमुख बदुबदुहाल ही म सरकार ने रा य के वािम व वाली िहंदु तान एयरोनॉिट स िलिमटेड (HAL) म 15 ितशतिह सेदारी बेचने का ताव िकया था।इस संबंध म जारी िकये गए ताव के अनुसार, सरकार िहंदु तान एयरोनॉिट स िलिमटेड (HAL) के33.4 िमिलयन शेयर या अपनी िह सेदारी का 10 ितशत िह सा बेचेगी, हालाँिक अ यिभदान(Oversubscription) या अिधक मांग होने की ि थित म अितिर त 5 ितशत िह सेदारी या 16.71िमिलयन शेयर बेचने का िवक प भी िदया गया है।ताव के अनुसार, िहंदु तान एयरोनॉिट स िलिमटेड (HAL) के शेयर बेचने के िलये ित शेयर 1,001पए यनूतम मू य िनधािरत िकया गया है।

    कारणकारणगौरतलब है िक कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी ने सरकार के राज व को काफी बुरी तरह सेभािवत िकया है, और सरकार को महामारी तथा उसके आिथक भाव से िनपटने के िलये आव यक

    राज व के िवषय पर सम याओं का सामना करना पड़ रहा है।ऐसी ि थित म रा य के वािम व वाली कंपिनय के िविनवेश को राज व एकि त करने के सबसे अ छेिवक प के प म देखा जा सकता है, यही कारण है िक सरकार िहंदु तान एयरोनॉिट स िलिमटेड (HAL)के िविनवेश की ि या को इतनी तेज़ी से परूा कर रही है।यात य है िक सरकार ने िव ीय वष 2020-21 के िलये 2.1 लाख करोड़ पए का मह वाकां ी िविनवेशल य िनधािरत िकया है।

    पृ भूिमपृ भूिमसव थम वष 2018 म िहंदु तान एयरोनॉिट स िलिमटेड (HAL) ने अपना आरंिभक सावजिनक िनगम(IPO) जारी िकया था, िजसके मा यम से िहंदु तान एयरोनॉिट स िलिमटेड (HAL) म भारत सरकार कीिह सेदारी 100 ितशत से घटकर 89.97 ितशत पर पहँुच गई थी, इसके मा यम से सरकार नेतकरीबन 4,229 करोड़ पए ा त िकये थे।

    इस तरह िहंदु तान एयरोनॉिट स िलिमटेड (HAL) के िविनवेश की शु आत सव थम वष 2018म हुई थी।यात य है िक जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर सावजिनक प से लोग या सं थाओं केिलये जारी करती है तो उसे आरंिभक सावजिनक िनगम (IPO) कहते ह।

    मह वाकां ीमह वाकां ी िविनवेशिविनवेश ल यल यसावजिनक े के उप म (PSUs) म सरकार की िह सेदारी बेचने की ि या िविनवेश कहलाती है।परंतु िविनवेश के अंतगत सरकार उस उप म पर अपना वािम व अथवा मािलकाना हक बनाए रखतीहै।

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  • इसी वष फरवरी माह म सरकार ने िव ीय वष 2020-21 के िलये 2.1 लाख करोड़ पए का िविनवेशल य िनधािरत िकया है, जबिक सरकार ने 31 माच, 2020 को समा त हुए िव वष के िलये 1.05िटिलयन पए का िविनवेश ल य िनधािरत िकया था।इसी माह की शु आत म सरकार ने भारत पेटोिलयम कॉरपोरेशन िलिमटेड (BPCL) के िविनवेश के िलयेबोली लगाने की समय सीमा बढ़ा दी थी।सरकार अपने ल य को परूा करने के िलये भारतीय जीवन बीमा िनगम (LIC) के िविनवेश की भी तैयारीकर रही है।

    हदु तानहदु तान एयरोनॉिट सएयरोनॉिट स लिमटेडलिमटेड औरऔर उसकउसक भूिमकाभूिमकािहंदु तान एयरोनॉिट स िलिमटेड (HAL) एक रा य के वािम व वाली भारतीय एयरो पेस और र ाकंपनी है िजसका मु यालय भारत के बंगलू म ि थत है।इसकी थापना बंगलू म 23 िदसंबर, 1940 को वालचंद हीराचंद ने िहंदु तान एयर ा ट िलिमटेड केप म की थी। ि तीय िव व यु के दौरान माच 1941 म सरकार ने कंपनी की एक-ितहाई िह सेदारी खरीद

    ली और वतं ता ाि त के बाद जनवरी 1951 म िहंदु तान एयर ा ट िलिमटेड को र ा मं ालय केशासिनक िनयं ण म ले िलया गया।

    िजसके प चात ्अ तबूर, 1964 म िहंदु तान एयर ा ट िलिमटेड का नवगिठत एयरोनॉिट स इंिडयािलिमटेड के साथ िवलय कर िदया गया और इस तरह िहंदु तान एयरोनॉिट स िलिमटेड (HAL)अि त व म आया।50 से अिधक वषो ंके अनुभव के साथ वतमान म िहंदु तान एयरोनॉिट स िलिमटेड (HAL) देश के िलयेतमाम तरह के सै य हेलीका टर और िवमान का िनमाण कर रहा है।इस माह की शु आत म र ा अिधगहण पिरषद (DAC) ने भारतीय वायु सेना के िलये िहंदु तानएयरोनॉिट स िलिमटेड (HAL) ारा िवकिसत िकये जा रहे 106 HTT-40 बेिसक टेनर एयर ा ट(BTA) की खरीद को मंज़रूी दी थी।यात य है िक िहंदु तान एयरोनॉिट स िलिमटेड (HAL) ने भारतीय सेना की सै य आव यकताओं कोपरूा करने म काफी अहम भिूमका अदा की है, िकंतु हालाँिक कई अवसर पर उ पादन ि या मे देरी केकारण इसकी आलोचना की जाती रही है।

    ोतोत: दद हदूहदू

    रा ीयरा ीय तरतर परपर िनधा रतिनधा रत योगदानयोगदान - एशयाएशया

    ी ल सी ल स केके लयेलयेNDC- TPA काय म, ीनहाउस गसै, रा ीय तर पर िनधा रतयोगदान

    मे समे स केके लयेलयेकाबनीकृत प रवहन संबधंी पहल क आव यकता

    चचाचचा मम यय ?9/15

    https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/defence-acquisition-council

  • हाल ही म नीित आयोग ने रा टीय तर पर िनधािरत योगदान (NDC)- एिशया के िलये पिरवहन पहल (TPA)के भारत घटक को लॉ च िकया है।

    मुखमुख बदुबदुरा ीयरा ीय तरतर परपर िनधा रतिनधा रत योगदानयोगदान - एशयाएशया केके लयेलये प रवहनप रवहन पहलपहल (NDC- TPA)

    रा टीय तर पर िनधािरत योगदान - एिशया के िलये पिरवहन पहल (NDC- TPA) का उ े यभारत, िवयतनाम और चीन म गैर काबनीकृत पिरवहन को ो साहन देने हेतु एक यापक दृि टकोणको बढ़ावा देना है।इस काय म की अविध 4 वष की है और यह काय म िविभ न िहतधारक के साथ सम वय करतमाम तरह के ह त ेप के मा यम से भारत तथा अ य भागीदार देश को अपने दीघकालीनल य ा त करने म मदद करेगा।

    काया वयनकाया वयनयह एक संयु त काय म है, िजसे जमनी के पयावरण, कृित संर ण एवं परमाणु सुर ा मं ालयकी अंतरा टीय जलवायु पहल (International Climate Initiative-IKI) का समथन ा त हैऔर इस काय म को 7 अंतरा टीय सं थाओं के समहू ारा लाग ूिकया जाएगा।इस काय म के भारतीय घटक को कायाि वत करने के िलये भारत सरकार की ओर से नीित आयोगकाया वयन भागीदार के प म काय करेगा।

    ल यल यगीनहाउस गैस और पिरवहन मॉडिलंग की मता को मज़बतू करनादेश म गैरकाबनीकृत पिरवहन हेतु िहतधारक के िलये संवाद मंच की शु आत करनागीनहाउस गैस उ सजन को कम करने के िलये तकनीकी सहयोग दान करनाजलवायु पिरवतन से िनपटने म पिरवहन े संबंधी कायो ंका िव पोषण करनाइलेि टक वाहन (Electric Vehicle-EV) की मांग और आपिूत नीित पर नीितगत िसफािरशकरना

    लाभलाभयह काय म देश म इलेि टक गितशीलता (Electric Mobility) को बढ़ावा देने म मदद करेगाइस काय म से नीितगत िवकास, इलेि टक वाहन बुिनयादी ढाँचे के िवकास और भारत मइलेि टक वाहन के बड़े तर पर योग को समथन िमलेगा।

    भारतीयभारतीय प रवहनप रवहन ेेभारत म िव व का दसूरा सबसे बड़ा रोड नेटवक मौजदू है जो पिरवहन के सभी मा यम ाराअिधकतम गीनहाउस गैस (GHG) उ सजन करता है।तेज़ी से हो रहे शहरीकरण के चलते वाहन की िब ी भी तेज़ी से बढ़ रही है और वष 2030 तककुल वाहन की सं या म दोगुनी वृि होने की संभावना है।ऐसी ि थित म पेिरस समझौते के ल य को ा त करने के िलये भारत के पिरवहन े के िलयेकाबनीकृत पिरवहन की नीित को अपनाना आव यक है।

    ोतोत: पी.आई.बीपी.आई.बी

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    https://www.drishtiias.com/hindi/current-affairs-news-analysis-editorials/news-editorials/12-07-2019https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/un-greenhouse-gas-bulletin-reporthttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/electric-vehicles-policy-2020https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-editorials/paris-agreement-3

  • COVID-19 केके दौरानदौरान परी ापरी ा अिनवायताअिनवायता उ तमउ तम यायलययायलय काका िनणयिनणय

    ी ल सी ल स केके लयेलये: िव िव ालय अनुदान आयोग, आपदा बधंन अधिनयम,

    मे समे स केके लयेलये:परी ा आयोजन के संदभ म िव िव ालय और UGC केअधकार

    चचाचचा मम यय ?हाल ही सवो च यायालय ने एक यािचका की सुनवाई के दौरान यह प ट िकया है िक िव विव ालय और उ चिश ा से जुड़े अ य सं थान आतंिरक या अ य मानदंड के आधार पर अंितम वष के छा को िडगी नही ंदे सकतेतथा इसके िलये सं थान ारा अंितम वष की परी ाओं का आयोजन अिनवाय होगा।

    मुखमुख बदुबद:ुउ चतम यायालय के अनुसार, ‘आपदा बंधन अिधिनयम, 2005’ (Disaster Management Act,2005) के तहत रा य को यह अिधकार है िक वे COVID-19 महामारी के बीच मानव जीवन की र ा हेतुिव विव ालय अनुदान आयोग (University Grants Commission- UGC) ारा जारी परी ािदशा-िनदश की अवहेलना कर सकते ह।हालाँिक उ चतम यायालय ने यह भी माना िक आपदा बंधन अिधिनयम के तहत रा य को िबना परी ाआयोिजत िकये आतंिरक मू यांकन के आधार पर ही छा को ो नित (Promote) दान करने काअिधकार नही ंहै।

    गौरतलब है िक हाल ही म महारा ट और िद ली सरकार ारा परी ाओं को र करने तथा छा कोअ य मापदंड के आधार पर ो नित दान करने का िनणय िलया गया था।

    यायालय ने िनदश िदया है िक यिद भिव य म रा य को लगता है िक 30 िसतंबर तक परी ाओं कोआयोिजत करना संभव नही ंहोगा और वे परी ाओं को िवलंिबत करना चाहते ह, तो वे इस संदभ म UGCसे संपक कर सकते ह।

    पृ भूिमपृ भूिम:

    यात य है िक UGC ारा 6 जुलाई, 2020 को जारी एक िदशा-िनदश म देश के सभी िव विव ालयोंऔर उ च िश ण सं थानो ंको 30 िसतंबर तक अंितम वष की परी ाए ँआयोिजत करने का िनदश िदयागया था। UGC के इस फैसले के िव 30 से अिधक छा ने उ चतम यायलय म यािचका दायर की थी। यािचकाक ाओं ने उ चतम यायलय के सम COVID-19 के कारण उ प न हुई सम याओं के साथऑनलाइन परी ाओं हेतु इंटरनेट तथा अ य आव यक संसाधन की चुनौती का मु ा उठाया था। इस मामले की सुनवाई यायमिूत अशोक भषूण के नेतृ व वाली तीन सद यीय यायाधीश पीठ ारा कीगई।

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    https://www.drishtiias.com/hindi/summary-of-important-reports/crisis-managementhttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/university-grants-commissionhttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/ugc-objects-in-supreme-court-to-maharashtra-and-delhi-cancelling-exams

  • UCC केके फैसलेफैसले काका समथनसमथन: उ चतम यायलय ने इस आरोप को वीकार नही ंिकया िक UGC ारा जारी संशोिधत िदशा िनदश मCOVID-19 के कारण उ प न हुई पिरि थितय की यान म नही ंरखा गया या यह संिवधान के अनु छेद-21 के तहत छा और परी क के जीवन के अिधकार का उ लंघन था। इसके िलये यायलय ने कई तक भी िदये िजनम से कुछ िन निलिखत ह -

    उ चतम यायालय के अनुसार, 6 जुलाई को जारी िदशा िनदश को छा के िहत को यान मरखते हुए आर.सी कुहड़ िवशेष सिमित (R.C. Kuhad Expert Committee) की िसफािरश केआधार पर तैयार िकया गया था।UGC ारा जारी िदशा िनदश म तीन तरीक की वीकृित दी गई थी- कलम और कागज (Penand Paper), ऑनलाइन (Online) तथा िमि त (भौितक एवं ऑनलाइन दोन )। साथ ही परी ादेने म असमथ छा को एक "िवशेष मौका" भी िदया गया था।िव विव ालय को परी ाओं की तैयारी के िलये 31 जुलाई से 30 िसतंबर तक का समय भी िदयागया था।UGC ारा जारी िदशा िनदश के तहत खंड-6 म इस बात पर िवशेष बल िदया गया िक परी ाओंका आयोजन िव विव ालय सुर ा ोटोकॉल के पालन के बाद ही िकया जा सकता है। उ चतम यायलय ने इस त य को भी रेखांिकत िकया िक COVID-19 महामारी औरिव विव ालय की चुनौितय को देखते हुए ही पवू म िनधािरत 31 जुलाई की ितिथ को बढ़ाकर 30िसतंबर कर िदया गया था

    शै णकशै णक कैले डरकैले डर मम एक पताएक पता : उ चतम यायालय के अनुसार, कुछ रा य म COVID-19 के कारण खराब ि थित होने के बावजदू भीपरी ाओं की एक सामान ितिथ के िनधारण का िनणय UGC के अिधकार े का िह सा है और यह उ चिश ा के सं थान म मानक का िनधारण तथा उनके सम वय के िलये आव यक है। उ चतम यायालय ने UGC ारा परेू देश शै िणक कैलडर म एक पता बनाए रखने हेतु अंितम वष कीपरी ाओं के आयोजन हेतु समान ितिथ के िनधारण को सही बताया। यािचकाकताओं ने कहा िक संशोिधत िदशा िनदश दो मामल म संिवधान के अनु छेद-14 का उ लंघनकरते ह- देश के अलग-अलग िह स की पिरि थितय को यान म रखे िबना परेू देश म परी ाओं के िलये एकितिथ का िनधारण। 2- अंितम वष के छा को परी ा म शािमल होने की अिनवायता, अंितम वष और अ य ( थम/ि तीयवष) छा के बीच भेदभाव है। उ चतम यायलय के अनुसार, UGC ने 6 जुलाई के िदशा िनदश म अंितम वष के छा को परी ा मशािमल होने की अिनवायता िनधािरत कर उनके साथ कोई भेदभाव नही ंिकया है य िक अंितम वष कीपरी ाएँ छा को अपनी मता का दशन करने का अवसर दान करती ह और यह िश ा अथवारोज़गार के े म उसके भिव य का िनधारण करती ह।

    परी ापरी ा तथतथ िनधारणिनधारण केके संबधंसंबधं मम UGC केके अधकारअधकार: उ चतम यायलय के अनुसार, UGC 6 जुलाई के िदशा िनदश को जारी करने से पहले रा य अथवािव विव ालय से परामश करने के िलये बा य नही ंथा।रा य और िव विव ालय UGC के िदशा िनदश को मा सुझाव बताकर इसे खािरज नही ंकर सकते ह।

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  • िव विव ालय अनुदान आयोग के ‘औपचािरक िश ा के मा यम से परा नातक उपािध दान करनेसंबंधी िनदश के यनूतम मानक िविनयम, 2003’ के तहत िव विव ालय ारा UGC के िदशा िनदशको अपनाना अिनवाय है। गौरतलब है िक 31 जुलाई को उ चतम यायालय म UGC ारा तुत शपथ-प के अनुसार, देश के818 िव विव ालय म से 603 म या तो अंितम वष की परी ाएँ आयोिजत की जा चुकी थी ंया वेअग त-िसतंबर म इ ह आयोिजत करने की तैयारी कर रहे थे।

    िन कषिन कष:COVID-19 महामारी के कारण अ य े के साथ िश ा के े पर भी गंभीर नकारा मक भाव देखने को िमलाहै। इस महामारी के दौरान परी ाओं का आयोजन छा के साथ-साथ िश ा सं थान के िलये भी एक बड़ीचुनौती है। हालाँिक देश भर म िशि त कैले डर म एक पता बनाए रखने और छा के भिव य को देखते हुएपरी ाओं का आयोजन आव यक है परंतु सरकार को वतमान पिरि थितय को देखते हुए सभी िहतधारक केसहयोग से इस सम या के समाधान िवशेष िवक प पर पुनः िवचार चािहये।

    ोतोत: दद हदूहद ू

    कृिषकृिष अ यादेशअ यादेश काका िवरोधिवरोध

    ी ल सी ल स केके लयेलये:िव ुत (संशोधन) िवधेयक, आ मिनभर भारत अभयान, कृिष अवसंरचना कोष , ‘ई-नाम’

    मे समे स केके लयेलये:सहकारी संघवाद, क और रा य सरकार क शि य से संबंधत

    चचाचचा मम यय ?हाल ही म पंजाब सरकार ने िवधानसभा म एक ताव पािरत कर कद सरकार ारा तुत कृिष अ यादेशों औरतािवत िव ुत (संशोधन) िवधेयक, 2020 को खािरज कर िदया है।

    मुखमुख बदुबद:ुगौरतलब है िक COVID-19 महामारी से िनपटने हेतु कद सरकार ारा आ मिनभर भारत अिभयान के तहतकृिष े म 11 मह वपणू सुधार की घोषणा की गई थी।कद सरकार ारा गामीण अथ यव था को मज़बतू बनाने और कृिष आय को दोगुना करने के ल य कीाि त हेतु इन सुधार के तहत कृिष े के िलये एक लाख करोड़ पए के फंड की घोषणा के साथ कुछ

    काननूी सुधार की भी घोषणा की गई थी।

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    https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/pm-chairs-cabinet-meeting-to-give-historic-boost-to-rural-indiahttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/india-prepares-for-a-change-in-electricity-sector-through-proposed-electricity-bill-2020https://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/self-reliant-india-mission-and-economic-stimulus

  • ‘कृिष उपज वािण य एवं यापार (संव न एवं सुिवधा) अ यादेश 2020’: इस अ यादेश का उ े य िकसान और यापािरय को कृिष उ पाद िवपणन सिमित’(Agricultural Produce Market Committee- APMC) की सीमाओं से बाहर यापार केअितिर त अवसर उपल ध करना थायह अ यादेश रा य कृिष उ पादन िवपणन संघ के तहत अिधसिूचत बाज़ार के बाहर अवरोधमु त अंतर-राजकीय यापार और वािण य को भी बढ़ावा देता है।साथ ही या िकसान को अपनी सुिवधा के अनुसार कृिष उ पाद खरीदने और बेचने की वतं तादान करता है।

    ‘मू य आ वासन पर िकसान (बंदोब ती और सुर ा) समझौता और कृिष सेवा अ यादेश, 2020’:इस अ यादेश म भारतीय कृिष े की मुख चुनौितय (छोटी जोत, मौसम पर िनभरता औरबाज़ार की अिनि चतता आिद) को दरू करने के उ े य से कुछ सुधार तािवत िकये गए ह।इस अ यादेश म िकसान को अपनी उपज की िब ी हेतु सीधे सं करणक ाओं, थोक िव े ताओं,बड़े खुदरा कारोबािरय , िनयातक आिद से जुड़ने की यव था दी गई है।

    आव यक व तु (संशोधन) अ यादेश, 2020:इस अ यादेश के मा यम से सरकार ने अनाज, दलहन, ितलहन, खा तेल , पय्ाज और आलूआिद को आव यक व तुओं की सचूी से हटाने का ताव िकया था।

    िव ुत (संशोधन) िवधेयक, 2020: कद सरकार ारा तुत िव ुत (संशोधन) िवधेयक, 2020 म रा य िव ुत िनयामक आयोग केअ य और अ य सद य की िनयुि त हेतु अलग-अलग चयन सिमित के थान पर एक रा टीयचयन सिमित के गठन का ताव िकया गया। साथ ही इस िवधेयक म िव ुत ्िवतरण णाली कोमज़बतू बनाने हेतु िड कॉम (DISCOM) कंपिनय को रा य िव ुत िनयामक आयोग की अनुमितके आधार पर िकसी े िवशेष म सब-लाइसस जारी करने का िवक प दान िकया गया।

    आप याँआप याँ:‘मू य आ वासन पर िकसान (बंदोब ती और सुर ा) समझौता और कृिष सेवा अ यादेश, 2020’, केतहत रा य सरकार को इस अ यादेश के तहत िकये गए िकसी भी कारोबार के िलये िकसान , यापािरय याइले टॉिनक टेिडंग लेटफॉम पर िकसी भी कार का शु क या उपकर लगाने से ितबंिधत करता है।िवशेष के अनुसार, कृिष े म कद सरकार ारा तािवत अ यादेश से कृिष उपज से रा य को होनेवाली आय के साथ रा य सरकार के ह त ेप की शि त म कटौती होगी।कई रा य ने िव ुत संशोधन िवधेयक म रा टीय चयन सिमित के गठन के ावधान को शि त केकदीकरण का यास बताया है।पंजाब के मु यमं ी ने िवधानसभा म इस ताव को तुत करते हुए कद सरकार ारा पािरत अ यादेशऔर िव ुत (संशोधन) िवधेयक को रा य के लोग (िवशेषकर िकसान और मज़दरू ) के िहत के साथभारतीय संिवधान के िखलाफ बताया है।उ ह ने कहा िक संिवधान की सचूी-II (रा य सचूी) की िवि ट-14 के तहत कृिष को रा य के िवषय केप म शािमल िकया गया है , अतः कद सरकार का िनणय रा य के कायो ंम ह त ेप के साथ संिवधान म

    िनिहत सहकारी संघवाद (Cooperative Federalism) की भावना के िखलाफ है।पंजाब सरकार ने कद सरकार से इन अ यादेश को वापस लेते हुए यनूतम समथन मू य पर खा ा नऔर अ य कृिष उ पाद की खरीद हेतु नए अ यादेश जारी करने का आगह िकया है।

    आगेआगे कक राहराह:14/15

  • वतमान म भी देश म िकसान की एक बड़ी आबादी के पास छोटी जोत है और उनके पास आधुिनकउपकरण का अभाव है, ऐसे म सरकार को कृिष म वै ािनक प ित के उपयोग और नवीन उपकरण हेतुआिथक सहायता उपल ध कराने का यास करना चािहये।सरकार ारा कृिष अवसंरचना कोष (Agriculture Infrastructure Fund-AIF) की थापना का िनणयइस िदशा म मह वपणू कदम है।कृिष े म िनजी े को बढ़ावा िदये जाने के साथ APMC म आव यक सुधार के साथ ‘ई-नाम’ (e-NAM) जैसे नवीन यास को आगे ले जाने पर िवशेष बल देना चािहये।

    भारतीय संिवधान के अनु छेद 246 के तहत रा य और क सरकार क िवधायी शि य क या या कगई ह।ैसंिवधान क सातव अनुसूची के तहत तीन कार क सूचय को शािमल िकया गया ह।ै

    1. संघ सूची (Union List)2. रा य सूची (State List)3. समवत सूची (Concurrent List)

    संघसंघ सूचीसूची (Union List): इस सूची म रा ीय मह व के ऐसे िवषय को शािमल िकया गया ह।ै इस सूची म शािमलिवषय पर केवल संसद को कानून बनाये का अधकार िदया गया ह।ै इस सूची म र ा, िवदेशी मामल , ब कग,संचारऔर मु ा आिदको शािमल िकया गया ह।ै

    रा यरा य सूचीसूची (State List): थानीय मह व के िवषय (जसेै पु लस, यापार, वाण य, कृिष और ↓सचाईआिद) कोशािमल िकया गया ह।ै इस सूची म शािमल िवषय पर रा य िवधान सभा को कानून बनाने का अधकार िदया गयाह।ै

    समवतसमवत सूचीसूची (Concurrent List): इस सूची म उन िवषय को शािमल िकया गया , ह ै■जनम क व रा य दोनक ही भागीदारी क आव यकता होती ह।ै समवत सूची म शािमल िवषय पर संसद और रा य िवधानसभा दोनको कानून बनाने का अधकार ह।ै इस सूची म श ा, वन, यापार संघ, िववाह आिद िवषय को शािमल िकया गयाह।ै

    ोतोत: दद हदूहदू

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    https://www.drishtiias.com/hindi/loksabha-rajyasabha-discussions/agriculture-infrastructure-fundhttps://www.drishtiias.com/hindi/daily-updates/daily-news-analysis/amendment-in-e-nam-portal

    डेली न्यूज़ (29 Aug, 2020)एक समान मतदाता सूची: अवधारणा और महत्त्वप्रिलिम्स के लियेमेन्स के लियेचर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदुराज्यों में अलग-अलग मतदाता सूचीसभी राज्यों के पास नहीं है अलग सूचीएक आम मतदाता सूची का महत्त्वकैसे लागू होगा नियमस्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

    अल्पसंख्यकों का निर्धारणप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदु:राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग(National Commission for Minority Educational Institutions- NCMEI):NCMEIA के तहत अल्पसंख्यक:राज्य स्तरीय अल्पसंख्यक निर्धारण की आवश्यकता:संवैधानिक प्रावधान:आगे की राह:निष्कर्ष:स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

    जम्मू और कश्मीर के लिये नियमों की अधिसूचनाप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदु:पृष्ठभूमि:स्रोत: द हिंदू

    हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में विनिवेशप्रिलिम्स के लियेमेन्स के लियेचर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदुकारणपृष्ठभूमिमहत्त्वाकांक्षी विनिवेश लक्ष्यहिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और उसकी भूमिकास्रोत: द हिंदू

    राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान - एशियाप्रीलिम्स के लियेमेन्स के लियेचर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदुराष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान - एशिया के लिये परिवहन पहल (NDC- TPA)कार्यान्वयनलक्ष्यलाभभारतीय परिवहन क्षेत्रस्रोत: पी.आई.बी

    COVID-19 के दौरान परीक्षा अनिवार्यता उच्चतम न्यायलय का निर्णयप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदु:पृष्ठभूमि:UCC के फैसले का समर्थन:शैक्षणिक कैलेण्डर में एकरूपता :परीक्षा तिथि निर्धारण के संबंध में UGC के अधिकार:निष्कर्ष:स्त्रोत: द हिंदू

    कृषि अध्यादेश का विरोधप्रीलिम्स के लिये:मेन्स के लिये:चर्चा में क्यों?प्रमुख बिंदु:आपत्तियाँ:आगे की राह:स्रोत: द हिंदू