बुखार के बाद के दद्द का इलाज...म ह त ह ,...

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हेल एकिपरि पैनल n फगलोय (गुडुिी या अमृता) का सेिन कर। बेल से रस फनकालकर फिन म 2 बार (5-10 एमएल) करीब एक-एक टी-सपून ल। इसके कैपसूल भी आते ह। 500 एमजी का एक-एक फिन म िो बार कैपसूल ले सकते ह। n तुलसी के 7-8 प को गम पानी, िाय या िध म उबालकर फिन म िो-तीन बार ल। तुलसी कैपसूल लेना है तो 500 एमजी का फिन म िो बार ल। n भुइं आंिला ल का 500 एमजी का कैपसूल सुबह-ाम ल। n सठ हि म फमलाकर ले सकते ह, 5-5 ाम सुबह और ाम। n हलिी िाला िूध सुबह-ाम ल। हलिी को िध के साथ उबाल, फिर फपएं। n इनम से कोई एक ले ल। n अशिगंधा, आंिला या मुलहठी को फकसी भी प म खाएं। तीन म से एक कोई ल। n िमूल किाथ, रासनाफि कलाथ, पंिफतकत किाथ म से कोई एक 12-15 एमएल सुबह- ाम, खाली पेट ल। n सुिन घनिफट, योगराज गुगुल या आयोगयिफधनी िटी म से कोई 500 एमजी से 1 ाम तक रोजाना फिन म िो बार ल। सचकनगसनया औि िग के मामले हाल म कुछ कम जि हए ह, लेसकन अब भी ढेि मिीज अलग-अलग तिह के बखाि औि उनिे जी िमसया को झेल िहे ह, खािकि शिीि के दद िे। इि तिह की िमसया िे जे तमाम िवाल कजवाब तलाशने के सलए एकिपरि िे बात की सयंका सिंह नेः क होमोपैथी म बुखर और उससे जुड दद क इलज मौजूद है? ि. आलोक कुमाि, पूि सलाहाकार, होमयोपैथी, आयुष फिभाग और कंसलटट, सििरगंज हॉलसपटल, होमयोपैथी के मुताफबक अगर बुखार तेज है तो यूपैटोरयम परिोफलएटम (Eupatorium Perfoliatum 30) या रस टॉकस (Rhus Tox 30) ले सकते ह। ये ििाएं िि और बुखार, िोन से राहत फिलाती ह। अगर फिकनगुफनया के लर ह तो लायकोपरफसयम (Lycopersicum 30) लेना बेहतर है। ये ििाएं िो-िो बूि फललकिड या पांि-पांि गोली फिन म 3-4 बार ले सकते ह। जब तक िि रहे, इन िि को ले सकते ह। Q इन ददन के बुखर म दद इतन जद क हो रह है? A फिकनगुफनया और डगू म जो म तेज िि होता है। हालांफक इन फिन िल रहे ियरल िीिर से भी पेन की फकायत सामने आ रही है। िक फसि फकिसी का है। मसलन िायरल म कम, डगू म उससे जयािा और फिकनगुफनया म सबसे जयािा िि होता है। एक िक यह भी है फक िायरल का िि मसलस म होता है, जबफक फिकनगुफनया का जो म। यह जॉइंट पेन घुटने, एी, पंज, कुहफनय, हथेफलय म जयािा होता है। साथ ही अकन भी महसूस होती है। यह िि मसलस पेन के मुकाबले लंबे समय िलता है। पहले लगी िोट का िि भी ियरस अटक के बाि उभर आता है इसफलए अगर कह िोट लगी है तो उसे पूरी तरह ठीक हो जाने ि। Q दद की सथदत म बेड रे कब तक? दकतन मूवम कर? A जब तक बुखार रहे, बेड रेसट कर। बुखार के िौरान बेड पर ही सूम फयाएं यानी जो का हलका-िुलका मूिमट ु कर। मूिमट से बलड सपलाई बती है और हीफलंग जलिी होती है। िर-पांि फिन बाि फटन काम ु कर। हफते भर बाि नॉमल लाइि ु कर सकते ह। Q डइ म खसतौर पर क धन रखे? A फजस फकसी को भी तेज बुखार है ( िहे कोई-सा भी बुखार हो), उसे हर घंट बाि फगलास भर फललकिड लेना िफहए। बेहतर है फक मरीज को खाली पानी कबजाय नीबू-पानी, ओरआरएस का घोल, फकंजी, नाररयल पानी, जूस, िूध, छाछ, फमलक ेक आफि पीने को ि। फिन म 12-15 फगलास फललकिड ल। बुखार के िौरान रीर म पानी की कमी हो जाती है। खाने म िल, सलबजयां, िाआफि जयािा खाएं। बुखार के िौरान ठोस खानके बजाय सेमी-सॉफलड और कम मसाले िाला खाना खाएं। फिटाफमन-सी (नीबू, संतरा, कीिी आफि) भी खाएं। ये मेटाबॉफलजम बाते ह। िय-कॉिी से परहेज कर। ये फललकिड को रीर म सही से जजब नह होने िेत। Q दद म दसकई दकतनी करगर है? A फसकाई से िि म राहत फमलती है। अगर बहुत तेज और सूई जैसा तीखा पेन है तो आइस पैक से फसकाई कर। अगर िि हलका है और अकन जयािा है तो हॉट पैक से फसकाई कर। अगर बुखार है तो हॉट पैक से फसकाई फबलकुल न कर। एसा भी कर सकते ह फक आइस पैक से ु कर और जब िि कम होने लगे तो हॉट पैक से फसकाई कर। आइस पैक के फलए एक पॉफलफथन म आइस भरकर उसके ऊपर हलका कपा लपेट कर फसकाई कर, जबफक गम फसकाई के फलए हॉट िटर बॉटल या गम पानी म टॉिल फभगोकर फसकाई कर। रोजाना फिन म 3-4 बार 10-15 फमनट फसकाई कर सकते ह। Q पेनदकलर े जेल लगएं नह? A िि होने पर पेनफकलर से या जेल लगा सकते ह। धयान रख फक िॉटर बेसड से जलिी रीर म जजब होते ह। ये पेन फकलर ह और िि के अलािा सूजन भी कम करते ह। आयोडकस भी लगा सकते ह। यह आयिफिक ोडकट है इसफलए फकसी तरह का नुकसान नह पहुंिाता। हालांफक कुछ एकसपट यह भी मानते ह फक फडकलोफिनैसोफडयम (Diclofenac Sodium) उिराज लोग के फलए सेि नह ह। ये माकट म िफिरॉन (Voveron), डोलो (Dolo), िोफलनी (Volini) आफि नाम से फमलते ह। इन लोग कफलए पैराफसटामोल (Paracetamol) या टामाडोल (Tramadol) लेने की सलाह िी जाती है। टामाडोल अलटासेट (Ultracet), एकयुपेन (Acupain), डोमाडोल (Domadol) आफि नाम से फमलता है। जेल या से फिन म 2-3 बार लगा सकते ह। हलके हाथ सलगाएं। तेज मसाज न कर। Q क पेनदकलर ले सकते ह? अगर हं, तो कब और दकतनी म म पेनदकलर लेन सही है? A जयािा िि होने पर पेनफकलर ले सकते ह लेफकन डगू की आंका पूरी तरह खतम होने के बाि ही। हाट, डायफबफटज और फकडनी के मरीज को खासतौर पर पेनफकलर से बिना िाफहए। जरत लगे तो पैराफसटामोल (Paracetamol) ल। 500-650 एमजी की फिन म िो-तीन बार ले सकते ह। यह बुखार के अलािा पेनफकलर भी है। फजनह बुखार नह है, िे टामाडोल (Tramadol) ले सकते ह। यह माकट म अलटासेट (Ultracet), एकयुपेन (Acupain), डामोडोल (Domadol) आफि नाम से फमलती है। 50-100 एमजी की फिन म 2-3 बार तक ले सकते ह। ये ििाएं सेि ह और जब तक जरत लग, ले सकते ह। बाकी कोई ििा भी ििा डॉकटर से पूछकर ही ल। िैसे, पेनफकलर कम-से-कम ही खाना िाफहए। कोई भी ििा खाली पेट न ल। Q दिदजोथेरदप की जरत कब पडती है? दकतने ददन तक करएं दिदजोथेरपी? A अगर 8-10 फिन बाि भी िि कम न हो तो फिफजयोथेरफपसट के पास जाएं। िि की िजह से फजन जॉइंटस का लंबे समय तक नह मूि नह कर पाते, िअक जाते ह। फिफजयोथेरफपसट उन जॉइंटस को िलाते ह और इसम िि भी नह होता। 60 साल से जयािा उ के लोग को फिफजयोथेरपी की जयािा जरत पती है। 8-10 फसफटगस म जॉइंटस से राहत फमल जाती है। िैसे, जयािा िि होने पर आप फिफजयोथेरफपसट से टस (TENS) की मांग भी खरीि सकते ह। यह छोटी-सी मीन होती है तो जो हलके इलेलकटकल करंट से नवस को लसटमुलेट करती है और पेन को बलॉक करती है। इसकी सेफटग फिफजयोेरफपसट से करानी िफहए। यह 2-4 हजार म आती है। Q कब दमलेगी दद से रहत? A जहां तक इस िि से राहत का सिाल है तो यह 2-3 हफते से लेकर करीब साल भर तक िल सकता है। यह कािी हि तक मरीज की इमयुफनटी पर भी फनभर करता है। मोटतौर पर फिकनगुफनया के 70-80 िीसिी मरीज 2-3 हफते म ठीक हो जाते ह, जबफक बाकी 20-30 िसिी के िि ठीक होने म महीन लग सकते ह। कुछ मरीज के िि को पूरी तरह ठीक होने म साल भर भी लग सकता है। Q क तेल मदलश से कोई िद होत है? A माफल इस तरह के िि म िायिेमंि नह होती। मसलस ररलैकस होने से फसि िौरी राहत महसूस होती है। Q एकसरसइज दकतने ददन बद शु कर? A बुखार उतरने और िि कम होने के बाि (करीब 8-10 फिन म) एकसरसाइज ु कर सकते ह। ुआत म सटििाली और कॉफडयो िाली (सिीफमंग, साइकफलंग, जॉफगंग आफि) एकसरसाइज कर। सटथ यानी िजन उठाने िाली एकसरसाइज महीने भर तन कर। बुखार के बाद के दद का इलाज ि. आि. के. सिंघल, हेड, इंटरनल मेफडफसन, बीएल कपूर सुपर सपेफलटी हॉलसपटि. पासमला दआ आयुिफिक एकसपट, फडपाटमट ऑि िमाकॉलजी, एमस ि. िाजीव अवाल हेड, नयूरो-फिफजयो यूफनट, एमस िखा शमा ेफजडट, डायफबफटज िउडन ऑि इंफडया Q आयुिि म बुखार और िि का कया इलाज है? A आयुिि म फिकनगुफनया ििर का फज नह है, लेफकन इसी से फमलते-जुलते संफध-जिर का फज है, फजसके लर बुखार, जो म िि और सूजन आफि ह। इसी के आधार पर फिकनगुफनया का इलाज फकया जाता है। िि के फलए यहां िी गई ििाएं कािी असरिार ह: नोटः ये सारी िीज िि से तो राहत फिलाती ही ह, बुखार भी ठीक करती ह। जब तक तफबयत ठीक न ह, फनयफमत प से लेते रह। आय वद म भी अििदाि इलाज है मौज होमयोपैथी भी सदलाती है दद िे िाहत नोट: यहां बताई गई बात आपकी जानकारी बाने के फलए ह। कोई भी ििा अपने डॉकटर से पूछकर लेना बेहतर है। Q Imagesbazaar

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एनबीटी सिसटजन रिपोटटि ऐप आपको यह पावि द िहा ह सक आप खद बदलाव का सहसिा बनकि चीजो को िधाि िकत ह। हमाि सिसटजन रिपोटटि जोिशोि ि काम म जट ह औि हम िोज सटोिीज भज िह ह। यहा हम पश कि िह ह ऐिी ही कछ सटोिीज।

बदलाव की पावर आपक हाथ म

Future of Journalism

14फोटो : ऑफिस,कॉलज या माककट आत-जात कछ भी गलत फिखता ह तो अकसर हम उस

अनिखा कर ित ह, लफकन अब उसकी िोटो खीफिए और िफनया को फिखाइए। गडढ, खराब सडक, कडढ क ढढर का िोटो खीफिए और ऐप म डाफलए।

ऑसियो : फिफडयो न बना सक, ना सही! कोई ररशित

क फलए मह िाड रहा ह तो उसका ऑफडयो रकॉडड कीफजए। या फिर िोन पर कोई बहिगी कर रहा ह तो कॉल रकॉडड करक हमार ऐप क ऑफडयो सकशन म भज िीफजए।

टकसट : आप एक छोटी सी खबर फलखकर भी हम ऐप म

भज सकत ह। इसक फलए इसम अलग सकशन फिया गया ह। यहा आप फहिी या अगजी म ऐसी फकसी भी समसया क बार म फलखकर भज सकत ह फजस आप अथॉररटी क सामन लाना िाहत ह।

सवसियो : हमार फसफटजन ररपोटडर ऐप क जररए आप अपन आसपास हो रह

भरषटािार और बिसलकी को िफनया क सामन ला सकत ह। कही भी कछ गलत फिख तो िौरन फिफडयो बनाकर हमार ऐप पर शयर कर।

इि ऐप को आपको हि वकत अपन मोबाइल म िखना होगा तासक कही भी औि कभी भी कछ

गलत सदख तो तित उि कपचि कि िक।

डाउनलोड कर NBT Citizen Reporter ऐप बदलाव क 3 सटप

1. गगल पल या ऐप सटोि म जाकि NBT Citizen Reporter िचच कि।

2. ऐप इसटटॉल कि औि खद को िसजसटि कि।

3. अपनी सटोिी, फोटोज, सवसियो औि ऑसियो अपलोि कि।

एडटॉयि यजिच इि ऐप

को िाउनलोि किन क

सलए इि QR कोि को

सकन कि।

फरीदाबाद रोड डढरा गाि इलाक की हालत कछ

ऐसी ह। यहा नाफलयो म गिगी भरी पडी ह। गिगी, बिब और

मिछरो स लोग परशान ह। फिलली म पहल ही डग, मलररया और फिकनगफनया स कािी जान जा िकी ह। ऐस म सरकार और

एमसीडी की लापरिाही डरान और परशान करन िाली ह।

नासलयो म भिी हई ह गदगी राजौरी गाडडन िकानो क आग सामान रखकर

सरकारी जमीन पर कबजा करना आम बात हो िली ह। गफलयो और महललो म ही नही बललक ररग रोड जसी महतिपरण सडक पर भी लोग

कबजा कर रह ह। यहा िखा जा सकता ह फक फकस तरह स माबणल

की िकानो न सफिणस रोड और िटपाथ पर कबजा कर रखा ह।

पदल चलन वाल कहा जाए? आजाद माककटबाडा फहिराि पफलस सटढशन क सामन इस गटर न गिा

पानी ओिरफलो हो रहा ह। यहा फलाईओिर का काम भी िल रहा

ह फजस िजह स एमसीडी क कई अिसर यहा रगलर फिफजट करत

रहत ह लफकन इस गटर स फनकल रह गि पानी पर कोई भी धयान नही

ि रहा ह।

गटि का पानी िडक पि

। िि नवभाित टाइमि। नई सदलली। 2 अकटटबि 2016

गाधी नगिगाधी नगर क मन पशता रोड म टासपोटडसण क अफतकरमर की िजह स आम लोगो को फिककत हो रही ह। टासपोटडसण न अपन सामान रोड पर डालकर उस जाम कर फिया ह। इसस गाफडयो की आिाजाही क अलािा पिल िलन म भी परशानी होती ह। इस िजह स रोज टरफिक जाम स िो-िार होना पडता ह। परशासन को िाफहए फक िह इस अफतकरमर को रोक और अिध कबजा करन िालो पर एकशन ल।-सिसटजन रिपोटटि नीिज कमाि जन

अवध कबज ि जामम रोज सबह फपरयिशणनी फिहार क जान कज पाकक म जॉफगग करन जाता ह। म फपछल 2 हफत स रोजाना जा रहा ह। जॉफगग क िौरान मन िखा फक िहा कई लोग डरगस और िसर िीजो का नशा करन भी पहि रह ह। इसस िहा क रगलर जॉगसण और बचो को कािी परशानी होती ह। पफलस स ररकिसट ह फक िह इस ओर धयान ि और नशफडयो स पाकक को आजाि करिाए ताफक यहा इलाक क लोग आराम स आ जा सक। -सिसटजन रिपोटटि सशवम गपा

पाकक म कित ह नशाकालकाजी क फगरीनगर क मर घर म िोरी हई थी। इसक सिना पफलस को भी िी गई। मझ जानकारी फमली फक मर इलाक म फपछल 5 फिनो म 4 घरो म िोरी हई ह। िोरो क बढत आतक क बािजि पफलस परशासन कोई कारणिाई नही कर रहा ह। ऐस म यहा क फनिासी कािी डर हए ह। पफलस अगर िोरो को पकड नही सकती तो कम स कम इलाक की सरका बढान पर धयान ि और इलाक म 24*7 फसकयोररटी की वयिसथा कर।

-सिसटजन रिपोटटि कवल चदा

चोिो का आतकबराडी बी-बलॉक क कौफशक एनकलि म नया टासिमणर नही लगाया जा रहा ह। इसस िहा इललकटफसटी क नए कनकशन पान म फिककत आ रही ह। इसस िहा रहन िाल लोगो को कािी परशानी का सामना करना पड रहा ह। यही नही कई लोग इसका िायिा उठाकर इललकटफसटी बलक भी कर रह ह। परशासन को ईमानिार लोगो की मिि क फलए आग आना िाफहए और टासिॉमणर लगाकर नए कनकशन की वयिसथा करनी िाफहए। -सिसटजन रिपोटटि भवन चदि

नही लग िहा टािफटॉमचि

खबर का असर

सससटजन ररपोटडर की खबर पर एकशनहमारी फसफटजन ररपोटड सषमा न रोड पर कसटकशन मफटररयल पडढ होन की

िोटो हम भजी थी। उनहोन अपनी ररपोटड म फलखा था फक इस तरह स रोड पर कसटकशन मफटररयल रख जान स फनकलन िालो को कािी परशानी होती ह, कई बार जाम भी लग जाता ह। एनबीटी म यह िोटो छपन को िो फिन बाि ही यहा स

सारा सामान हटा फलया गया।

ऐसी थी पहल हालत

खबर क बाद हटा मलवा

सागरपरजस-जस शहर बडा हो रहा ह कडा का फनपटारा मलशकल होता जा रहा ह। यह नजारा ह सागरपर का जहा इस कॉलोनी क बाहर कडढ का इतना बडा ढढर बन िका ह फक यह गाबबज कॉलोनी बन गई ह। फजतना कडा यहा स हटता ह उसस कई गना आ जाता ह। सिसटजन रिपोटटि सवजद कमाि

कटॉलोनी क बाहि कडाघििोि पि हो िही ह पासकिग

गणश नगररोड पर गाडी पाकक करना फिलली की बडी समसया ह। सडक क िोनो ओर कमशणल गाफडया पाकक की जा रही ह। यह सब पफलस की नाक क नीि िल रहा ह। इस मामल को लकर इलाक क डीसीपी को भी फशकायत की जा िकी ह लफकन अभी तक कोई कारणिाई नही हई। सिसटजन रिपोटटि अशोक चौधिी

हलथएकिपरिच पनल

n फगलोय (गडिी या अमता) का सिन कर। बल स रस फनकालकर फिन म 2 बार (5-10 एमएल) करीब एक-एक टी-सपन ल। इसक कपसल भी आत ह। 500 एमजी का एक-एक फिन म िो बार कपसल ल सकत ह।

n तलसी क 7-8 पतो को गमण पानी, िाय या िध म उबालकर फिन म िो-तीन बार ल। तलसी कपसल लना ह तो 500 एमजी का फिन म िो बार ल।

n भइ आिला ल का 500 एमजी का कपसल सबह-शाम ल।

n सौठ शहि म फमलाकर ल सकत ह, 5-5

गाम सबह और शाम। n हलिी िाला िध सबह-शाम ल। हलिी को

िध क साथ उबाल, फिर फपए। n इनम स कोई एक ल ल। n अशिगधा, आिला या मलहठी को फकसी भी

रप म खाए। तीनो म स एक कोई ल। n िशमल किाथ, रासनाफि कलाथ, पिफतकत

किाथ म स कोई एक 12-15 एमएल सबह-शाम, खाली पट ल।

n सिशणन घनिफट, योगराज गगगल या आयोगयिफधणनी िटी म स कोई 500 एमजी स 1 गाम तक रोजाना फिन म िो बार ल।

सचकनगसनया औि िग क मामल हाल म कछ कम जरि हए ह, लसकन अब भी ढिो मिीज अलग-अलग तिह क बखाि औि उनि जडी िमसयाओ को झल िह ह, खािकि शिीि क ददच ि। इि तिह की िमसयाओ ि जड तमाम िवालो क जवाब तलाशन क सलए एकिपरिच ि बात की सरियका सिह नः

कया होमोपथी म बखयार और उसस जड ददद कया इलयाज मौजद ह?

िटॉ. आलोक कमाि, पिण सलाहाकार, होमयोपथी, आयष फिभाग और कसलटटट, सििरगज हॉलसपटल, होमयोपथी क मताफबक अगर बखार तज ह तो यपटोररयम परिोफलएटम (Eupatorium Perfoliatum 30) या रस टॉकस (Rhus Tox 30) ल सकत ह। य ििाए ििण और बखार, िोनो स राहत फिलाती ह। अगर फिकनगफनया क लकर ह तो लायकोपरफसयम (Lycopersicum 30) लना बहतर ह। य ििाए िो-िो बि फललकिड या पाि-पाि गोली फिन म 3-4 बार ल सकत ह। जब तक ििण रह, इन ििाओ को ल सकत ह।

Q इन ददनो क बखयार म ददद इतनया

जयादया को हो रहया ह?

A फिकनगफनया और डग म जोडो म तज

ििण होता ह। हालाफक इन फिनो िल रह िायरल िीिर स भी पन की फशकायत

सामन आ रही ह। िकक फसिक फरिकिसी का ह। मसलन िायरल म कम, डग म उसस जयािा और फिकनगफनया म सबस जयािा ििण होता ह। एक िकक यह भी ह फक िायरल का ििण मसलस म होता ह, जबफक फिकनगफनया का जोडो म। यह जॉइट पन घटन, एडी, पजो, कहफनयो, हथफलयो म जयािा होता ह। साथ ही अकडन भी महसस होती ह। यह ििण मसलस पन क मकाबल लब समय िलता ह। पहल लगी िोटो का ििण भी िायरस अटरक क बाि उभर आता ह इसफलए अगर कही िोट लगी ह तो उस परी तरह ठीक हो जान ि।

Q ददद की सथदत म बड रट कब तक?

दकतनया मवमट कर?

A जब तक बखार रह, बड रसट कर। बखार

क िौरान बड पर ही सकम फकरयाए यानी जोडो का हलका-िलका मिमट शर कर। मिमट स

बलड सपलाई बढती ह और हीफलग जलिी होती ह। िार-पाि फिन बाि रफटन काम शर कर। हफत भर बाि नॉमणल लाइि शर कर सकत ह।

Q डयाइट म खयासतौर पर कया

धयान रख?

A फजस फकसी को भी तज बखार ह (

िाह कोई-सा भी बखार हो), उस हर घटढ बाि फगलास भर फललकिड लना

िाफहए। बहतर ह फक मरीज को खाली पानी क बजाय नीब-पानी, ओरआरएस का घोल, फशकजी, नाररयल पानी, जस, िध, छाछ, फमलक शक आफि पीन को ि। फिन म 12-15 फगलास फललकिड ल। बखार क िौरान शरीर म पानी की कमी हो जाती ह। खान म िल, सलबजया, िाल आफि जयािा खाए। बखार क िौरान ठोस खान क बजाय समी-सॉफलड और कम मसाल िाला खाना खाए। फिटाफमन-सी (नीब, सतरा, कीिी आफि) भी खाए। य मटाबॉफलजम बढात ह। िाय-कॉिी स परहज कर। य फललकिड को शरीर म सही स जजब नही होन िती।

Q ददद म दसकयाई दकतनी

कयारगर ह?

A फसकाई स ििण म राहत

फमलती ह। अगर बहत तज और सई जसा तीखा पन ह

तो आइस पक स फसकाई कर। अगर ििण हलका ह और अकडन जयािा ह तो हॉट पक स फसकाई कर। अगर बखार ह तो हॉट पक स फसकाई फबलकल न कर। एसा भी कर सकत ह फक आइस पक स शर कर और जब ििण कम होन लग तो हॉट पक स फसकाई कर। आइस पक क फलए एक पॉफलफथन म आइस भरकर उसक ऊपर हलका कपडा लपट कर फसकाई कर, जबफक गमण फसकाई क फलए हॉट िॉटर बॉटल या गमण पानी म टॉिल फभगोकर फसकाई कर। रोजाना फिन म 3-4 बार 10-15 फमनट फसकाई कर सकत ह।

Q पनदकलर प या जल लगयाए

या नही?

A ििण होन पर पनफकलर सपर या जल

लगा सकत ह। धयान रख फक िॉटर बसड सपर जलिी शरीर म जजब होत ह।

य पन फकलर ह और ििण क अलािा सजन भी कम करत ह। आयोडढकस भी लगा सकत ह। यह आयिबफिक परोडकट ह इसफलए फकसी तरह का नकसान नही पहिाता। हालाफक कछ एकसपटड यह भी मानत ह फक फडकलोफिनक सोफडयम (Diclofenac Sodium) उमरिराज लोगो क फलए सि नही ह। य माककट म िोफिरॉन (Voveron), डोलो (Dolo), िोफलनी (Volini) आफि नाम स फमलत ह। इन लोगो क फलए पराफसटामोल (Paracetamol) या टामाडोल (Tramadol) लन की सलाह िी जाती ह। टामाडोल अलटासट (Ultracet), एकयपन (Acupain), डोमाडोल (Domadol) आफि नाम स फमलता ह। जल या सपर फिन म 2-3 बार लगा सकत ह। हलक हाथ स लगाए। तज मसाज न कर।

Q कया पनदकलर ल सकत ह? अगर हया, तो कब और दकतनी मयातया म

पनदकलर लनया सही ह?

A जयािा ििण होन पर पनफकलर ल सकत ह लफकन डग की आशका परी

तरह खतम होन क बाि ही। हाटड, डायफबफटज और फकडनी क मरीजो को खासतौर पर पनफकलर स बिना िाफहए। जररत लग तो पराफसटामोल

(Paracetamol) ल। 500-650 एमजी की फिन म िो-तीन बार ल सकत ह। यह बखार क अलािा पनफकलर भी ह। फजनह बखार नही ह, ि टामाडोल (Tramadol) ल सकत ह। यह माककट म अलटासट (Ultracet), एकयपन (Acupain), डामोडोल (Domadol) आफि नाम स फमलती ह। 50-100 एमजी की फिन म 2-3 बार तक ल सकत ह। य ििाए सि ह और जब तक जररत लग, ल सकत ह। बाकी कोई ििा भी ििा डॉकटर स पछकर ही ल। िस, पनफकलर कम-स-कम ही खाना िाफहए। कोई भी ििा खाली पट न ल।

Q दिदजोथरदपट की जररत कब पडती ह? दकतन ददन तक करयाए

दिदजोथरपी?

A अगर 8-10 फिन बाि भी ििण कम न हो तो फिफजयोथरफपसट क पास जाए।

ििण की िजह स फजन जॉइटस का लब समय तक नही मि नही कर पात, ि अकड जात ह। फिफजयोथरफपसट उन जॉइटस को िलात ह और इसम ििण भी नही होता। 60 साल स जयािा उमर क लोगो को फिफजयोथरपी की जयािा जररत पडती ह। 8-10 फसफटटगस म जॉइटस स राहत फमल जाती ह। िस, जयािा ििण होन पर आप फिफजयोथरफपसट स टस (TENS) की माग भी खरीि सकत ह। यह छोटी-सी मशीन होती ह तो जो हलक इललकटकल करट स नवसण को लसटमलट करती ह और पन को बलॉक करती ह। इसकी सफटटग फिफजयोशरफपसट स करानी िाफहए। यह 2-4 हजार म आती ह।

Q कब दमलगी ददद स

रयाहत?

A जहा तक इस ििण स राहत का सिाल ह तो

यह 2-3 हफत स लकर करीब साल भर तक िल सकता ह। यह कािी हि तक मरीज की इमयफनटी पर भी फनभणर करता ह। मोटढतौर पर फिकनगफनया क 70-80 िीसिी मरीज 2-3 हफत म ठीक हो जात ह, जबफक बाकी 20-30 िीसिी क ििण ठीक होन म महीनो लग सकत ह। कछ मरीजो क ििण को परी तरह ठीक होन म साल भर भी लग सकता ह।

Q कया तल मयादलश

स कोई ियादया होतया ह?

A माफलश इस तरह क ििण म िायिमि नही

होती। मसलस ररलकस होन स फसिक िौरी राहत महसस होती ह।

Q एकसरसयाइज दकतन ददन

बयाद शर कर?

A बखार उतरन और ििण

कम होन क बाि (करीब 8-10 फिन म) एकसरसाइज

शर कर सकत ह। शरआत म सटढििाली और कॉफडडयो िाली (सिीफमग, साइकफलग, जॉफगग आफि) एकसरसाइज कर। सटथ यानी िजन उठान िाली एकसरसाइज महीन भर तक न कर।

बखार क बाद क ददद का इलाज

िटॉ. आि. क. सिघल, हड, इटरनल मफडफसन,

बीएल कपर सपर सपशफलटी हॉलसपटल

िटॉ. पासमला दआ आयिबफिक एकसपटड,

फडपाटडमट ऑि िामाणकॉलजी, एमस

िटॉ. िाजीव अगरवाल हड, नयरो-फिफजयो

यफनट, एमस

िखा शमाचपरफजडट, डायफबफटज

िाउटडढशन ऑि इफडया

Q आयिबि म

बखार और ििण का कया इलाज ह?

A आयिबि म

फिकनगफनया िीिर का फजकर

नही ह, लफकन इसी स फमलत-जलत सफध-जिर का फजकर ह, फजसक लकर बखार, जोडो म ििण और सजन आफि ह। इसी क आधार पर फिकनगफनया का इलाज फकया जाता ह। ििण क फलए यहा िी गई ििाए कािी असरिार ह: नोटः य सारी िीज ििण स तो राहत फिलाती ही ह, बखार भी ठीक करती ह। जब तक तफबयत

ठीक न हो, फनयफमत रप स लत रह।

आयववद म भी अििदाि इलाज ह मौजद

होमयोपथी भी सदलाती ह ददच ि िाहत

नोट: यहा बताई गई बात आपकी जानकारी बढान क फलए ह। कोई भी ििा अपन डॉकटर स पछकर लना बहतर ह।

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